आज ऐसे ही बैठे बैठे सोचा की हमारे मामा तो हिन्दी चिठ्ठा जगत के पितामह हैं हमने भी सोचा की चलो हम भी चिठ्ठा लिखें और हम आ गए अपना चिठठा लेकर
अब जब भी मन होगा तो हम भी कभी कभी अपने मन की भड़ास निकाला करेंगें। अब आपको झेलना है झेलिये ! अच्छा लगे तो टिप्पणी भी दिजीये !
अभी के लिये सभी को हमारी राम राम !
3 टिप्पणियां:
वाह, क्या बात है. बहुत बढ़िया. शुभकामनाएँ व आशीर्वाद.
हमारी भी शुभकामनाएं, आप के मन की भड़ास का इंतजार रहेगा
शब्द पुष्टिकरण की कोई खास वजह? तकलीफ़देह है।
छत्तीसगढ़ की बेटी का हम भी स्वागत करते हैं और एक ब्लॉगर होने के नाते शुभकामनाएं भी।
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