मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

एक छत्तीसगड़ी व्यंजन -फरा।

छ्तीसगढ के बारे मे सब जानते है पर छत्तीसगढ़ के व्यंजनो के बारे लोग कम जानते है आज हम बताते है एक छत्तीसगड़ी व्यंजन -फरा।खाने मे बहुत ही स्वादीष्ट और बनाने मे बहुत ही सरल।

सामग्री - १ कटोरी चावल आटा,नमक-स्वादानुसार,पानी गुंथने के लीये

तडके के लिये- ४ लाल खडी मीर्च, १छोटा चम्मच जीरा, १ चम्मच तेल।




विधी -सबसे पहले चावल आटा मे नमक डाल कर रोटी के आटे जैसे गुथ लें।उसे ५ मिनट के लीये रख दे। आटे की छोटी लोई बना कर छोटा छोटा लम्बा हाथ से चित्र मे दिखाये अनुसार बनाये। एक थाली मे तेल लगा कर रख दे। एक चौड़े बर्तन मे थोड़ा पानी डाले, इसी बर्तन मे एक कटोरी उल्टी रख दे। कटोरी के उपर फ़रा वाला प्लेट रखें। ध्यान दे कि पानी से प्लेट डूब ना जाये। अब बर्तन को आंच पर रख दे। बर्तन को ढंक कर फरा को भाप मे पकने दें। ढोकले की तरह इसे भपाने दें।


१० मिनट बाद फरा को चाकु लगा कर देखें कि वह चिपक तो नही रहा। यदि चिपक रहा तो थोडी देर ओर पकाये। अब तड़्के के लिये कढाई मे १ छोटा चम्मच तेल डालें। तेल गर्म होने के बाद जीरा और लाल खड़ी लाल खडी मिर्च से तड़का दे। इसमे फरा डालके हल्का सा सेकें।


आपका फ़रा तैयार है। अब उसे टमाटर लाल मिर्च की चटनी के साथ परोसें। बतायें कि फ़रा कैसा लगा?

7 टिप्‍पणियां:

Anil Pusadkar ने कहा…

वाह!सुबह-सुबह फ़रा!मज़ा आ गया। अमरीका से भी छत्तीसग़ढी व्यंजनो का स्वाद लोगो को बताने के लिये आभार्।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

वाह भाई, मुंह में पानी आ गया.

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत दिनों बाद फरा की याद दिला दी तुमने..अब तुम्हीं बना कर खिलाना.. :)

बेनामी ने कहा…

वाह! अब मैं सही हूँ या गलत, पता नहीं लेकिन मैं तो इसे फर्रा ही पुकारता था.

हमारे घर में जीरे के स्थान पर राई का प्रयोग किया जाता है. इसका स्वाद भी कुछ हट के है.

रंजू भाटिया ने कहा…

मैंने इस के बारे में पहली बार पढ़ा... बना के जरुर देखूंगी शुक्रिया

कुश ने कहा…

ये तो कुछ कुछ मोमोज जैसा लग रहा है..

मितान ने कहा…

फरा के लिये धन्‍यवाद, आपके पोस्‍ट की याद रवि भईया नें दिलाई, यहां हमने भी फरा बनाया देखें

http://aarambha.blogspot.com/2010/09/blog-post_05.html